Events ("Way to Successful Life" Meeting)




समर्पण संस्था द्वारा नववर्ष पर ‘‘सफल जीवन की राह’’ विषयक व्याख्यान व मीटिंग आयोजित
वर्ष 2022 में संस्था द्वारा आयोजित किये जाने वाले
जनकल्याणकारी कार्यक्रमों का तिथिवार कलण्डर किया जारी
प्रकृति के शाश्वत नियमों में छिपी है जीवन की सफलता व खुशी

- डाॅ. दौलत राम माल्या

                जयपुर, 1 जनवरी। ‘‘प्रकृति के शाश्वत नियमों में ही जीवन की सफलता व खुशी छिपी है। खुशी के लिए प्रकृति के साथ जुड़ना बहुत जरूरी है प्रकृति ही हमें देना सिखाती है प्रकृति से जुडे लोग ज्यादा संवेदनशील होते हैं उनमें मानवीयता ज्यादा होती है।’’ उक्त विचार आज समर्पण संस्था द्वारा करतारपुरा स्थित वस्त्र बैंक परिसर मेें आयोजित ‘‘सफल जीवन की राह’’ विषयक व्याख्यान में संस्थापक अध्यक्ष आर्किटेक्ट डाॅ. दौलत राम माल्या ने व्यक्त किये।

                डाॅ. माल्या ने एक पी.पी.टी. के माध्याम से खुशी के विज्ञान को समझाते हुए कहा कि ‘‘खुशी हमारे भीतर है बाहर नहीं’’ प्रकृति ने हमें एक दूसरे के काम आने के लिए ही बनाया है, परमात्मा ने हमारी रचना ही इस तरह से की है कि हम स्वयं को गले नहीं लगा सकते, अकेले खुश नहीं रह सकते हमें जन्म से लेकर आखिरी वक्त तक दूसरों की जरूरत पड़ती है हम एक दूसरे के बिना अधूरे हैं। प्रकृति का ये शाश्वत नियम है कि हम जो बांटते है वही हमारे पास वापस आता है। हमें आनन्द, शांति, ज्ञान, प्रेम, धन आदि निरन्तर बांटते रहना चाहिए।

                उन्होंने कहा कि जो लोग दूसरों की मदद करते हैं उन्हें तनाव कम होता है वे एक अलग तरह की खुशी व शांति का अनुभव करते हैं। डाॅ माल्या ने सफलता की परिभाषा देते हुए कहा कि ‘‘बोधपूर्वक जीना तथा समाज के लिए अपरिहार्य बनकर जीने में ही जीवन की वास्तविक सफलता है। बुद्ध की सफलता श्रावस्ति राज्य को सम्भालने में नहीं बल्की बुद्धत्व को प्राप्त करने में थी, स्वामी विवेकानन्द की सफलता नर सेवा - नारायण सेवा में थी। सफलता का नुश्खा जिज्ञासा, हिम्मत, निरन्तरता, आत्मविश्वास की क्रमबद्ध श्रृंखला में छिपा हुआ है। इससे हम सारे सपने सच कर सकते हैं।

                डाॅ. माल्या ने कहा कि प्रेम, दया, करूणा, उदारता, धैर्य, क्षमा आदि गुणों को जीवन का आभुषण बनायें, इस धरती को समृद्ध व शांतिपूर्ण समाज देने की दिशा में काम करने के लिए ये गुण बहुत जरूरी है। नये वर्ष 2022 में हम सकारात्मक बने, ‘‘अच्छा बोलें!, अच्छा सुनें!, अच्छा देखें! और अच्छा सोंचे!’’ आज हमें प्रकृति ने 365 खाली पन्नों की एक डायरी दी है अब इसमें हमें अच्छी हैण्डराईटिंग में रिलेशनशिप, सेहत व स्वास्थ्य, प्रोफेशनल लाईफ, आध्यात्मिक जीवन, मानसिक संतुलन आदि चेप्टर लिखने है उसमें किसी भी तरह का जन्जाल नहीं बनने दें।

                इस अवसर पर संस्था के मुख्य सलाहकार व पूर्व जिला न्यायाधीश श्री उदय चन्द बारूपाल की अध्यक्षता में एक मीटिंग का आयोजन भी किया गया जिसमें संस्था द्वारा वर्ष 2022 में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों का तिथिवार कलण्डर जारी किया गया। निर्धारित कलण्डर के अनुसार वर्ष 2022 में संस्था द्वारा 26 जनवरी को गणतन्त्र दिवस समारोह व विचार गोष्ठी, 6 मार्च को 12वाँ रक्तदान शिविर, 3 जुलाई को शिक्षा सहायता व एज्यूकेशनल एम्बेसेडर अधिवेशन, 24 जुलाई को पौधारोपण, 15 अगस्त को स्वतन्त्रता दिवस समारोह व विचार गोष्ठी, 30 अक्टूबर को दिपावली स्नेह मिलन व समर्पण समाज गौरव अवार्ड समारोह, 26 नवम्बर को संविधान दिवस पर विचार गोष्ठी व समर्पण वस्त्र बैंक से वस्त्र वितरण कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे।

                मीटिंग में संस्था की शीघ्र प्रकाशित होने वाली पंचम स्मारिका ‘‘लोकोपकार’’ के कवर पेज डिजाइन का विमोचन किया गया। 

                मुख्य सलाहकार एवं पूर्व जिला न्यायाधीश श्री उदय चन्द बारूपाल जी ने अपने उद्बोधन में जीवन को अर्थपूर्ण बनाने के टिप्स दिये।

                इस अवसर पर संस्था के मुख्य संरक्षक श्री के.एन. खण्डेलवाल, श्री रामजी लाल बैरवा, संरक्षक श्री रमेश कुमार बैरवा, श्रीमती ज्योति माल्या, कोषाध्यक्ष श्री राम अवतार नागरवाल, उपाध्यक्ष श्री राम स्वरूप महावर, संयुक्त सचिव श्री कमल महावर, सम्मानीय सदस्य श्री शेखर चन्देल, श्री रोडू राम सुलानिया, श्री राम राज महावर सहित अनेक सदस्य उपस्थित रहे।

                मंच संचालन दूरदर्शन समाचार वाचक श्री गौरव शर्मा ने किया।